आजची वात्रटिका
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लेखकरावांनो...
हश्या, टाळ्या खूप झाल्या,
लेखणीची वज्रमूठ करा.
काळाची गरज आहे,
नव्या विचारांचे सुरुंग पेरा.
लेखणीची वज्रमूठ करा.
काळाची गरज आहे,
नव्या विचारांचे सुरुंग पेरा.
फोडून काढा तटबंद्या,
नवविचारांचे तेज घुमू द्या !
दांभिकांच्या कानी कपाळी,
परिवर्तनाचा शंख रोज घुमू द्या !!
नवविचारांचे तेज घुमू द्या !
दांभिकांच्या कानी कपाळी,
परिवर्तनाचा शंख रोज घुमू द्या !!
-सूर्यकांत डोळसे,पाटोदा(बीड)
मोबाईल-9923847269
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चिमटा-5875
दैनिक पुण्यनगरी
31जुलै2020
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दैनिक पुण्यनगरी
31जुलै2020
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