Sunday, August 7, 2011

मैत्री रे मैत्री

राजकीय मैत्रीसारखी
आपली मैत्री असू नये.
ऊठसूट आपल्या मैत्रीवर
अविश्वास दाखवीत बसू नये.

मैत्रीला बहुमत नाही,
एकमताचा पाया असावा!
मैत्री अशी असावी
मैत्रीच कस्तुरीचा फाया असावा!!

- सूर्यकांत डोळसे, पाटोदा (बीड)

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