आजची वात्रटिका
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जहरी आणि लहरी
कुठे पावसाला शिव्या आहेत,
कुठे पावसासाठी ओव्या आहेत.
पाऊस नावाच्या लहरी महंमदाला,
ह्या गोष्टी कुठे नव्या आहेत?
कुठे पावसासाठी ओव्या आहेत.
पाऊस नावाच्या लहरी महंमदाला,
ह्या गोष्टी कुठे नव्या आहेत?
पाऊस तेवढा लहरी बनला,
जेवढा माणूस जहरी झाला आहे !
डोळ्यात दाटलेला दुष्काळ ,
कधी कोरडा तर कधी ओला आहे !!
जेवढा माणूस जहरी झाला आहे !
डोळ्यात दाटलेला दुष्काळ ,
कधी कोरडा तर कधी ओला आहे !!
-सूर्यकांत डोळसे,पाटोदा(बीड)
मोबाईल-9923847269
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चिमटा-5537
दैनिक पुण्यनगरी
12ऑगस्ट2019
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12ऑगस्ट2019
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