आजची वात्रटिका
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मंदिर मुक्ती
मंदिरे खुली करा म्हणताना,
भलते-सलते दिसू लागले.
कालचे कट्टर नास्तिक,
आज आस्तिक भासू लागले.
मंदिरे उघडण्याच्या भूमिकांचे,
अगदी लंगडे समर्थन आहे !
प्रत्यक्ष देवही अचंबित होतील,
असेच राजकीय वर्तन आहे !!
-सूर्यकांत डोळसे,पाटोदा(बीड)
मोबाईल-9923847269
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फेरफटका-7394
दैनिक झुंजार नेता
3सप्टेंबर2020
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