आ।ज।ची।वा।त्र।टि।का
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उपहास दर्शन
व्यंग,उपरोध आणि उपहास,
हल्ली पचला जात नाही.
सूचित केलेला गर्भित अर्थही,
नीटपणे वाचला जात नाही.
हल्ली पचला जात नाही.
सूचित केलेला गर्भित अर्थही,
नीटपणे वाचला जात नाही.
व्यंग,उपरोध आणि उपहास,
हा सकारात्मक द्रोह असतो.
जो गैरसमज करून घेतो,
त्याचा तो पक्का पूर्वग्रह असतो.
हा सकारात्मक द्रोह असतो.
जो गैरसमज करून घेतो,
त्याचा तो पक्का पूर्वग्रह असतो.
दाखवले ते समजून घ्यायला,
कुठे कुणाची नजर साफ असते !
त्याला पुण्याचे दर्शन घडेल कसे?
ज्याच्या नजरेतच पाप असते !!
कुठे कुणाची नजर साफ असते !
त्याला पुण्याचे दर्शन घडेल कसे?
ज्याच्या नजरेतच पाप असते !!
-सूर्यकांत डोळसे,पाटोदा(बीड)
मोबाईल-9923847269
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फेरफटका-6966
दैनिक झुंजार नेता
3जून2019
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#आजच्यावात्रटिका
#वात्रटिका
#सूर्यकांतडोळसे
#मल्टीमीडिया_वात्रटिका
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