आजची वात्रटिका
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सौभाग्य
आपल्या दोघांच्या नावाने,
जोर जोरात भुंकू लागले.
कपाळावर आठ्या पाडीत,
बोलायला कुंकू लागले.
कुंकवाच्या सौभाग्याने,
सहमतीला टिकली होती!
नशेने नशा चढत जाताच,
एकच खसखस पिकली होती!
-सूर्यकांत डॊळसे,पाटोदा(बीड)
मोबाईल-9923847269
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फेरफटका-8087
दैनिक झुंजार नेता
4नोव्हेंबर2022
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